जिला सक्ती-छत्तीसगढ़
प्रदेश मिडिया प्रभारी राजा बंजारे के साथ जिला रिपोर्टर सुनिता कुर्रे श्रध्दा बर्मन रुखसाना महेश,मिनू सिदार, संभाग रिपोर्टर शिवा यादव।




जिला सक्ती के दृष्टि बाधित विद्यालय में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें संस्था के अध्यक्ष बिंदेश्वरी आदले ने मुख्य नेतृत्व किया। इस अवसर पर बिंदेश्वरी आदले ने बच्चों को शिक्षक दिवस के महत्व और उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के मार्गदर्शक होते हैं और विद्यार्थियों के जीवन में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।


कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने भी अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को शिक्षकों के प्रति सम्मान और आदर प्रकट करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने शिक्षकों को सम्मानित भी किया और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त किया।

5सितंबर को दृष्टि बाधीत विद्यालय सक्ती के बच्चों ने गुरू वंदना गीत गा बजाकर अतिथि का अभिनंदन स्वागत किया।
बिंदेश्वरी आदले और अन्य अतिथियों ने विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर एक यादगार कार्यक्रम का आयोजन किया।
शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वह भारत के दूसरे राष्ट्रपति और एक महान शिक्षक व दार्शनिक थे। इस दिन को शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का महत्व:
- यह दिन समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
- शिक्षक न केवल हमें शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि हमारे जीवन में नैतिक और सामाजिक मूल्यों को भी विकसित करते हैं।
- यह दिन हमें हमारे शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर देता है।
शिक्षक दिवस का इतिहास:
- 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के राष्ट्रपति बनने के बाद, उनके छात्रों और दोस्तों ने उनके जन्मदिन को एक विशेष रूप में मनाने की इच्छा जताई।
- उन्होंने सुझाव दिया कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया।






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